नए संसद के मसले पर मोदी का विरोध पड़ा भारी, जाने अपने ही कुनबे से कैसे घिर रहा विपक्ष ?

देश के नए संसद भवन को लेकर जबरदस्त सियासी बवाल मचा हुआ है। विपक्ष की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए न कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा। इसी मांग को लेकर कांग्रेस समेत 19 से ज्यादा विपक्षी पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार कर दिया है।विपक्ष इसे भाजपा और पीएम मोदी की मनमानी साबित कर रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। वहीं विपक्ष इसे मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बनाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है।

हालाँकि अब विपक्ष का यह दांव अब उल्टा पड़ता जा रहा है।विपक्ष के अपने ही कुनबे की कई पार्टियां इस विरोध पर बिखरी हुई नजर आ रही हैं। जहाँ आप और टीएमसी समेत कई पार्टियां उद्घाटन का बहिष्कार कर रही हैं तो दूसरी ओर बसपा और जेडीएस जैसी पार्टियों ने विपक्ष के इस विरोध को गैरजायज़ ठहरा दिया है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने पीएम मोदी की अगुवाई में संसद भवन के उद्घाटन को भाजपा सरकार का हक बताया है। वहीं जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने भी विपक्ष को खरी-खरी सुना दी है।

संसद के उद्घाटन का सरकार को है हक

बसपा प्रमुख मायावती ने विपक्ष से दरकिनार जाते हुए मोदी सरकार का समर्थन किया है। मायावती ने कहा कि केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।

विपक्ष का विरोध अनुचित

मायावती ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित। सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित। यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था

मायावती नहीं होंगी उद्घाटन में शामिल

बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें। किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी।

जेडीएस ने भी सुनाई खरी-खरी

जेडीएस नेता कुमार स्वामी ने भी विपक्ष के इस विरोध अभियान पर कटाक्ष किया है। कुमारस्वामी ने कहा कि इस तरह का उद्घाटन समारोह छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में भी किया गया। कर्नाटक में जब विकास सौधा का उद्घाटन हुआ था तब उन्होंने रमा देवी को उस समय आमंत्रित नहीं किया था जबकि वह उस समय कर्नाटक की राज्यपाल थी। तो अब ये राजनीति क्यों…मैं उनसे पूछना चाहता हूं। अब वे राष्ट्रपति के प्रति बहुत स्नेह और सम्मान दिखा रहे हैं.

लोगो का ध्यान हटाने की कोशिश

विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कुमार स्वामी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के समय उन्होंने उनके खिलाफ उम्मीदवार क्यों खड़ा किया? अब वे कह रहे हैं कि भाजपा आदिवासियों का अपमान कर रही है। यह सब केवल लोगों का ध्यान हटाने और समाज के एक वर्ग से वोट हासिल करने के लिए है.

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