तालिबान के खिलाफ भारत का जानिए क्या रहेगा रुख,भविष्य को देख कर लेंगे एक्शन!

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब भारत की ओर सभी की नजर है भारत का रुख वैसे तो अफगानिस्तान के साथ पहले से ही मधुरता वाला रहा है लेकिन तालिबान अब हथियारों के दम पर अफगानिस्तान में कब्जा कर चुका है इस तस्वीर देखते हुए फिलहाल भारत का रुख सख्त ही नजर आ रहा है यह जगजाहिर है कि जब जब अफगानिस्तान में तालिबान का कब्ज़ा रहा तब तब भारत ने अफगानिस्तान से रिश्ते तोड़ लिए भारत शुरू से आतंकवादी गतिविधियों का विरोध करता आ रहा है भारत की सरजमी में आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के लिए भारत का रुख शुरू से ही कड़ा रहा है और ऐसे देश जहां पर आतंकवाद को पनाह दी जाती है वहां पर भारत ने कभी भी समझौता वादी रुख नहीं कायम किया

वर्तमान वक्त में चीन का रुख तालिबान के कब्जे में गए अफगानिस्तान के पक्ष में नजर आ रहा है लेकिन भारत ने अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को वापस बुला लिया है भारत के राजदूत और तमाम अधिकारी भारत आ चुके हैं भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रणनीति तैयार कर रहा है लेकिन जिस तरह से भारतीय नागरिकों को भारत बुलाया गया है उससे साफ है कि अफगानिस्तान के साथ फिलहाल तो किसी प्रकार के रिश्ते तालिबान के अवैध कब्जे के रहते नहीं हो पाएगा हालांकि चीन यूएई का रुख तालिबान के खिलाफ नहीं है तो पाकिस्तान भी उसके साथ ही नजर आ रहा है ऐसे में अमेरिका की गतिविधि पर भी सभी की नजर है अमेरिका ने अपने सैनिकों की विशाल टुकड़ी लगा दी है इसके साथ ही अमेरिका अभी भी और भी सैनिक वहां पर भेज सकता है यह तय है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बेहद ही कठोर है और अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है हालांकि भारत के सामने बड़ी समस्या यह है कि अफगानिस्तान में वित्तीय रूप से भारत का निवेश काफी ज्यादा है उस नुकसान को दूर करने के लिए भारत की क्या रणनीति होगी इस पर भी चर्चा चल रही है लेकिन भारत इस समय वेट एंड वॉच की स्थिति में नजर आ रहा है तालिबान को किसी भी कीमत पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिल सकती है उसे आतंकवादी संगठन के रूप में ही शुरू से देखा जा रहा है ऐसे में ताकतवर देश किसी भी तरह से तालिबान से बात करने को तैयार नहीं हो पाएंगे इस दिशा में भारत के रक्षा विशेषज्ञ और विदेश नीति को बेहतर समझने वाले पूरे मसले पर नजर जमाए हुए हैं लेकिन वर्तमान समय में भारत की तस्वीर यही है कि अफगानिस्तान में जो नागरिक हैं उनको वापस लाया जाए।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का तालिबान पर नियंत्रण

भारत के विदेश मंत्रालय में पूर्व सचिव रहे अनिल वाधवा ने अफगानिस्तान की इस तस्वीर पर अपनी राय व्यक्त की है उनका मानना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई एस आई हक्कानी गुट के जरिए तालिबान को नियंत्रित कर रही है उन्होंने यह भी कहा कि भारत की भविष्य की रणनीति इस बात पर निर्भर करेगी कि तालिबान का भविष्य कैसा रहता है हालांकि तालिबान इस बार बदला बदला नजर आ रहा है वह महिलाओं को भी हक देने की बात कर रहा है लेकिन उस पर भरोसा कोई भी नहीं कर पा रहा है इस तरह से भारत समेत कई देश फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।

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