भारतीय हॉकी टीम के डाउनफॉल की आखिर क्या है वजह जानिए, हॉकी में क्यों नीचे गिरता रहा भारत की टीम का प्रभाव
Liberal Sports Desk :वर्तमान दौर में दर्शकों की जो अधिकांश संख्या है वह क्रिकेट को लेकर बेहद जागरूक नजर आती है और भारत में वर्तमान दौर इस तरह का है कि क्रिकेट सबसे ज्यादा लोकप्रिय भी माना जाता है लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि भारत का एक ऐसा खेल जिसमें भारतीय टीम का डाउनफॉल शुरू हो चुका है यह भारत का राष्ट्रीय खेल भी है ।हम बात कर रहे हैं भारतीय हॉकी की, मेजर ध्यानचंद के समय भारतीय हॉकी टीम का एक अलग ही दर्जा माना जाता था लेकिन समय के साथ-साथ भारतीय हॉकी टीम की स्थिति बद से बदतर होती गई आखिर क्या है वजह की इस खेल में भारत की हॉकी टीम का स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है ।
1982 में भारतीय हॉकी टीम की एशियन गेम्स में अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से हार भी मानी जा सकती है वजह
खेल में हर कोई विजेता बनना चाहता है कोई भी ऐसा नहीं है जो हारना चाहे 1970 के एशियन गेम्स में भारत अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से तारीख से हार गया था वहीं यदि बात की जाए तो एक और भारतीय प्रशंसकों को 1983 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम ने खुशी का लम्हा दिया था 1970 की एशियन गेम्स में भारत की 71 से हारने भारतीय हॉकी के प्रशंसकों को एक झटका भी दिया कहीं ना कहीं भारत की हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के 1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम ने हॉकी के फैंस को क्रिकेट की ओर झुकाव करने के लिए प्रेरित भी किया।
एस्ट्रो टर्फ की अनुकूलन क्षमता
पहली दफा हॉकी में एस्ट्रोटर्फ 1970 -1976 के ओलंपिक गेम्स में लाया गया ओलंपिक गेम में भारतीय हॉकी टीम ने सातवें स्थान पर अपना सफर खत्म किया। भारतीय हॉकी टीम कभी भी एस्ट्रो टर्फ की अनुकूलता को समझ नही पाई।
हॉकी में प्रशासनिक राजनीति बनी बड़ी वजह
भारतीय हॉकी में के डाउनफॉल में कहीं ना कहीं प्रशासनिक राजनीति सबसे बड़ा अपराधी भी कहा जा सकता है साफतौर पर कहा जाए तो हॉकी बोर्ड और केपीएस गिल जिन्होंने भारतीय हॉकी फेडरेशन को एक प्राइवेट कंपनी की तरह ट्रीट किया।