खेत – खलियान ‘हमारे दो’ के पीएम ‘हमारे दो’ के फिर किसान किसका? – किसानों के समर्थन में राहुल की इस कविता के क्या हैं मायने…

सियासत और साहित्य का संबंध सदियों पुराना रहा है। जब भी सियासत ने जनमानस की आवाज को दबाने का प्रयास किया तो साहित्य ने ही जनमानस की आवाज बन करें सियासत के सिंहासन को डगमगाने का कार्य किया है। साहित्य का ऐसा ही एक अंग है कविता । कहते हैं सियासत में कविता वह तलवार है जिसकी धार अचूक है अटूट है। राजनीति के हार दौर में राजनेताओं ने इस सियासी तलवार का उपयोग किया है और अपने प्रतिद्वंद्वियों पर इससे वार भी किया है। तो यही दौर अब एक बार फिर देखने को मिल रहा है। जब किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी कविता को हथियार बनाकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वार करते नजर आ रहे हैं।

दरअसल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने किसानों के समर्थन में अपने ट्विटर से एक कविता पोस्ट की यह कविता मशहूर कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की है। ओमप्रकाश वाल्मीकि ने दलितों के उत्पीड़न पर कविताओं के माध्यम से शोषणकर्ताओं का जमकर विरोध किया है। उन्होंने अपने लेखन में जाति अपमान और उत्पीड़न का जीवंत वर्णन किया है। ओमप्रकाश वाल्मीकि की दलितों के उत्पीड़न और दर्द को बयां करती ऐसी ही एक कविता है ठाकुर का कुआं जिसे अब राहुल गांधी ने किसानों के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के विरुद्ध प्रयोग किया है।

दरअसल राहुल गांधी ने जो कविता पोस्ट की है उसमें उन्होंने ठाकुर शब्द अलग कर ‘हमारे दो’ का प्रयोग किया है। राहुल ने कविता इस प्रकार पोस्ट की और लिखा की
“चूल्‍हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ‘हमारे दो’ का।

बैल ‘हमारे दो’ का
हल ‘हमारे दो’ का
हल की मूठ पर हथेली किसान की
फ़सल ‘हमारे दो’ की।

कुआँ ‘हमारे दो’ का
पानी ‘हमारे दो’ का
खेत-खलिहान ‘हमारे दो’ के
PM ‘हमारे दो’ के
फिर किसान का क्‍या?

किसान के लिए हम हैं!”

ओम प्रकाश वाल्मीकि की इस कविता के माध्यम से राहुल गांधी ने यह बताने का प्रयास किया है देश के किसानों की मेहनत किसानों के खेतों पर हमारे दो यानी कि उद्योगपतियों का अधिकार है राहुल गांधी अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर आरोप लगाते रहते हैं कि वे दो उद्योगपतियों के लिए कार्य करते हैं इन्हीं हमारे दो का जिक्र राहुल गांधी इस कविता में कर रहे हैं। राहुल गांधी कविता के माध्यम से कहना चाह रहे हैं कि प्रधानमंत्री तो 2 उद्योगपतियों के लिए हैं तो फिर किसानों के लिए कौन है इसके जवाब में राहुल गांधी ने लिखा है कि किसानों के लिए हम हैं। अपनी कविता के माध्यम से राहुल गांधी बताना चाह रहे हैं कि सरकार भले ही किसानों का साथ नहीं दे रही है लेकिन कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन में उनके साथ है।

बता दें कि यह पहला वाकया नहीं है जब राहुल गांधी ने कविता के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्र सरकार पर निशाना साधा है इससे पहले भी कई मौके पर उन्होंने शेर और शायरी के माध्यम से सरकार के विरुद्ध तंज कैसे हैं।

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