सड़क से सियासत तक आखिर कैसे बदले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी के हालात, जानिए

बनारस जो वाराणसी और काशी नाम से भी जाना जाता है भारत के प्राचीनतम शहरों में से एक है इसका इतिहास पच्चीस सौ साल से भी पुराना है बनारस का नाम आते ही जहन में पवित्रता धार्मिकता का प्रवाह होने लगता है।बनारस एक ऐसा शहर है जो न केवल मंदिरों बल्कि धार्मिक परंपराओं पावन घाटों के लिए भी ले जाना जाता है कहते हैं कि बनारस मैं स्वयं भगवान शिव का वास है।

काशी अपनी प्राचीनता धार्मिकता को लेकर सदियों से चिर परिचित था लेकिन जब विकास की बात आई यहां के सांसद और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कल्पना के संपूर्ण सोपानो को मानो काशी में उतार ही दिया 2014 के बाद से ही काशी का कायाकल्प शुरू हो गया भगवान भोलेनाथ की नगरी विकास की ओर चल पड़ी इस रिपोर्ट में हम समझते हैं कि किस तरह से इस ऐतिहासिक नगरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अलग रंग में ही बदल डाला पीते नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी का दौरा किया और सौगातों की झड़ी लगा दी

साल 2014 से पहले वाराणसी की बात की जाए तो वाराणसी अपने हृदय में धार्मिकता तो संजोए हुए था लेकिन धरातल में स्थिति इस नगर की कुछ और ही थी। तंग गलियों की कसकस घाटो में स्वच्छता का अभाव नगर में पेयजल और सिवेजजैसी समस्याएं घेरा बनाई हुई थी। लेकिन शायद काशी की किस्मत मैं कुछ और ही लिखा था साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में आए तो उन्होंने अपना कर्म क्षेत्र काशी को चुना काशी वासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जमकर समर्थन भी किया और उन्हें भारी मतों से विजय श्री का आशीर्वाद भी दिया। काशी अब जबकि देश के प्रधानमंत्री स्वयं का संसदीय क्षेत्र था ऐसे में उसकी दिशा और दशा बदलना दोनों कहीं ना कहीं स्वभाविक ही था। जिसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बखूबी साकार भी किया।

काशी को क्योटो बनाने का सपना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार काशी से चुनाव जीतकर आए तो उन्होंने काशी को क्योटो बनाने का सपना देखा। जिसको साकार करने के लिए जरूरी था की सबसे पहले शहर की मूलभूत सुविधाओं की ओर ध्यान दिया जाए। इसके लिए सबसे पहले वाराणसी में पेयजल और सिवेज व्यवस्था की स्थिति सुधारी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसद बनने से पहले यहां पेयजल और सीवेज व्यवस्था इतनी बदहाल हो चुकी थी कि कई दफा सप्लाई के पानी में भी सीवेज का पानी आ जाता था लेकिन इन समस्याओं को दूर किया गया और अब स्मार्ट सिटी की तर्ज पर दुगनी गति से विकास कार्य जारी है।

इनलैंड वॉटरवेज नेटवर्क पर किया जा रहा है काम

वाराणसी में हल्दिया तक पानी के मालवाहक एवं यात्री जहाज चलाने के लिए वाराणसी में इनलैंड वॉटरवेज नेटवर्क बनाने के लिए काम किया जा रहा है जिसके लिए वाराणसी के राजघाट में पोर्ट बनाने और गंगा में क्रूज सेवा शुरू कराने काम किया गया है।

रेलवे स्टेशनों को किया गया विकसित

साल 2014 से पहले वाराणसी के रेलवे स्टेशन विकास की बाट जो रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद बनने के बाद शहर के तमाम रेलवे स्टेशंस को विकास की दिशा दी शहर के मुख्य मडवाडी रेलवे स्टेशन का नाम वाराणसी स्टेशन में तब्दील कर दिया गया इसके अलावा यहां से कई महत्वपूर्ण ट्रेनों की शुरुआत भी की गई महामना एक्सप्रेस वंदे भारत एक्सप्रेस महाकाल एक्सप्रेस मंडुवाडीह नई दिल्ली सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी कई बड़ी ट्रेनों की सौगात दे दी गई इसके साथ ही हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से जुड़ना बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में शामिल करने हेतु भी लगातार काम जारी है

सड़को का विकास

बनारस की पहचान लंबे अरसे तक तंग गलियों के रूप में भी होती रही है। लेकिन अब यह पहचान दी बदल गई है इसके लिए स्मार्ट सिटी की तर्ज पर लगातार कार्य किए जा रहे हैं गलियों की जगह शहर में चौड़ी सड़के बनाए जाने में ध्यान दिया गया। बता दें कि वाराणसी में लगभग 17 किलोमीटर रिंग रोड का निर्माण किया गया वहीं 26 किलोमीटर रिंग रोड पर काम जारी है। इसके साथ ही प्रयागराज तक nh2 को सिक्स लेन किया जा रहा है जौनपुर आजमगढ़ गाजीपुर तक फोरलेन पर कार्य जारी है।

इसके साथ ही वाराणसी के तमाम इलाकों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करने के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है इसमें स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम ,इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम ,अंडरग्राउंड केबलिंग प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।

मंदिरो का विकास

नगरीकरण के साथ-साथ वाराणसी में मंदिरों के विकास में भी उतना ही ध्यान दिया गया जिसके लिए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण कार्य किया गया मार्कंडेय महादेव मंदिर व गुरुधाम मंदिर का सौंदर्यीकरण किया गया। इसके साथ ही घाटों की स्थिति को भी दुरुस्त किया गया है।

काशी से क्योटो बनने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 महीने बाद अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा किया । इस दौरे में उन्होंने 1500 करोड़ रुपए की परीयोजनाओं की सौगात फिर काशी को दे डाली। करोड़ों की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। साथ ही उन्होंने काशी वासियों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग सम्मेलन केंद्र रुद्राक्ष का भी तोहफा दिया।

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