ज्ञानवापी मामला: इलाहबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को लगा झटका,हिन्दुओ की नियमित पूजा वाली मांग पर होगी सुनवाई
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े श्रृंगार गौरी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुना दिया है। श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका को लेकर कोर्ट से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति की खारिज करते हुए हिंदू पक्ष की याचिका को सुनने योग्य स्वीकार किया है। वहीं अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद नियमित पूजा की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई का दरवाजा खुल गया है।
अब जिला कोर्ट वाराणसी श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर्जा। जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है. दरअसल, श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग को लेकर राखी सिंह समेत 9 अन्य ने वाराणसी की अदालत में सिविल वाद दाखिल किया था.
सुनवाई का रास्ता साफ़
हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला कोर्ट को यह तय करना था कि मामला सुनने योग्य है या नहीं. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में पोषणीय नहीं होने की दलील देते हुए इस केस को खारिज करने की मांग की थी. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 07 नियम 11 के तहत इस मामले में सुनवाई हो सकती है.
थी।
प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका में मुस्लिम पक्ष ने कहा कि प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत इस मामले की सुनवाई नहीं की जा सकती है.अभी याचिका दायर करने वाली महिलाओं को चैत्र और वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन परिसर में पूजा करने की अनुमति है।