कांग्रेस में कलह: महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने छोड़ा कांग्रेस का हाँथ, अब थाम सकती हैं इस पार्टी का साथ

कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़कर जाने वाले नेताओं की लिस्ट में अब एक और बड़ा नाम शामिल हो गया है महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद सुष्मिता देव अब कांग्रेस का साथ छोड़ने का निर्णय ले लिया है सोमवार को उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वही अब सुष्मिता देव के इस्तीफे के बाद उनकी दूसरी पार्टी में जाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं।

कांग्रेस पार्टी में चल रही अंतरकलह किसी से छिपी नहीं है लगातार पार्टी के कई बड़े नेताओं का पार्टी का साथ छोड़ कर जाने का सिलसिला बना हुआ है। अब कांग्रेस को असम से बड़ा झटका लगा है पूर्व सांसद महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने पार्टी से किनारा कर लिया। हालांकि असम विधानसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था असम चुनाव में महागठबंधन को मिली हार के बाद से ही पार्टी में आंतरिक अनबन नजर आने लगी थी। असम विधानसभा चुनावों में सुष्मिता देव की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। लेकिन कुछ दिनों पहले ही सुष्मिता ने अपने ट्विटर अकाउंट से अपना बायो बदलकर पद के आगे पूर्व लगा दिया था तभी तस्वीर साफ हो गई थी कि सुष्मिता का साथ कांग्रेस के हाथ के साथ आगे नहीं बढ़ेगा। बता दे सुष्मिता ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि पार्टी से जुड़े पिछले 30 साल उनके लिए यादगार रहेंगे।

बता दें कि सुष्मिता देव की नाराजगी असम विधानसभा चुनाव के बाद से ही दिखने लगी थी पार्टी सूत्रों के अनुसार ऐसा कहा जा रहा था कि उन्हें उचित सम्मान नहीं मिल रहा था जिस पर उन्होंने आपत्ति भी जताई थी लेकिन तब मामला सुलझ गया था और सुष्मिता ने पार्टी के साथ मजबूती से आगे बढ़ने की बात कही थी लेकिन आखिरकार अंतर कलह खुलकर सामने आई और सुष्मिता ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया। वहीं अब सूत्रों की माने तो सुष्मिता जल्द ही तृणमूल कांग्रेस के साथ नजर आ सकती हैं ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कोलकाता में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी या अभिषेक बनर्जी से मुलाकात कर पार्टी में शामिल होने की घोषणा कर सकती हैं।

सुष्मिता देव असम बंगाल के दिग्गज नेता संतोष मोहन देव की बेटी हैं कांग्रेस पार्टी की ओर से वह असम कि सिलचर सीट से सांसद रह चुकी हैं वहीं अब सुष्मिता के इस्तीफे से असम में कांग्रेस की स्थिति कमजोर होती नजर आ रही है।

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