धोनी ने बताया अपनी जिंदगी का वो लम्हा जो वह कभी नहीं भूल पाएंगे
Liberal Sports Desk : महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक ऐसा कप्तान और खिलाड़ी जिसने भारतीय क्रिकेट की दिशा और दशा दोनों बदल कर रख दी थी। भारतीय टीम जहां लंबे समय तक केवल एक विश्व कप जीत पाई थी तो धोनी के आने के बाद भारत ने तीन बड़ी ट्रॉफी जीती जिसमें 2 विश्वकप और एक आईसीसी ट्रॉफी शामिल है। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के तो विश्व भर के दिग्गज खिलाड़ी भी मुरीद है 2011 विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी के द्वारा लगाया गया छक्का सभी भारतीय फैंस और विश्व भर में लोगों के जेहन में यादों के तौर पर बसा हुआ है। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी के लिए कौन सा एक लम्हा है जो महेंद्र सिंह धोनी को कभी नहीं भूलेगा इस बात को महेंद्र सिंह धोनी ने खुद जग जाहिर किया था।
इस लम्हे को कभी नहीं भूलेंगे महेंद्र सिंह धोनी
भारतीय टीम के फैंस और दिग्गज खिलाड़ियों से अगर 2011 विश्व कप के लम्हों के बारे में बात करें तो सभी के जेहन में महेंद्र सिंह धोनी के द्वारा लगाया गया मैच फिनिशिंग छक्का सबके जेहन में होता है लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने अपने उस लम्हे के बारे में बताया है जो 2011 विश्व कप के दौरान आया था महेंद्र सिंह धोनी ने बताया कि जब वानखेड़े के मैदान पर भारतीय टीम को मैच जीतने के लिए 15 -20 रन चाहिए थे उस वक्त वानखेड़े का स्टेडियम वन्दे मातरम की गूंज से गूंज उठा था। दर्शक वंदे मातरम गाते हुए नजर आ रहे थे और वह महेंद्र सिंह धोनी के लिए कभी ना भूल पाने वाला लम्हा होगा।
2011 विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी खुद चार नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे और एक शानदार 91 रनों की नाबाद पारी खेली थी। धोनी मुथैया मुरलीधरन की गेंद पर बेहतर बल्लेबाजी कर सकते थे और यही वजह रही थी कि वह चार नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे।