प्याज पर गहराई राजनीति.. क्या टमाटर की तरह होगी लाल.. सरकार के ये दावे!

प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ाने पर बवाल शुरू हो गया है। कुछ किसानों का दावा है कि इससे उन्हें नुकसान होगा। वहीं सरकार का कहना है कि किसानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और उन्हें राज्य के प्याज उत्पादकों की चिंताओं से अवगत कराते हुए एक ज्ञापन सौंपा। वहीं दूसरी तरह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कह रहे हैं कि उनकी सरकार के मंत्रियों से बात हो गई है। राज्य के किसान उत्पादकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है।

यह बोले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारत सरकार के आदेश पर नॉफेड और एनसीसीएफ ने नासिक, लासलगांव, अहमदनगर और इस पूरे क्षेत्र से 3 लाख टन प्याज खरीदा। प्याज पर 40 प्रशित निर्यात शुल्क लगाया गया है ताकि भारत में पर्याप्त मात्रा में प्याज उपलब्ध हो। उन्होंने बताया कि आज से नासिक, पिंपलगांव, लासलगांव, अहमदनगर और पूरे क्षेत्र से 2 लाख टन से अधिक प्याज की खरीद शुरू करेंगे। जरूरत पडऩे पर भविष्य में और भी खरीदारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य क्षेत्रों में भी जहां प्याज उगाया जाता है, वहां पर नॉफेड और एनसीसीएफ प्याज खरीदेंगे ताकि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि आज खरीद का मूल्य 2,410 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। किसी भी किसान को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
फडणवीस ने किया यह दावा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने ट्वीट कर कहा कि आज मेरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से टेलीफोन पर बातचीत हुई है। केंद्र ने 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदने का फैसला किया है। साथ ही केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र के प्याज उत्पादकों के हित के लिए नासिक और अहमदनगर में विशेष खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यहां 2410 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज खरीदी जाएगी। यह हमारे राज्य के प्याज उत्पादकों के लिए बड़ी राहत होगी।
क्या हैं प्याज निर्यात शुल्क के मायने
केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया है। ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। सितंबर तक प्याज की कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी रहने की संभावना है। प्याज के साथ ही आलू की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि टमाटर की तरह प्याज की कीमतें बढ़ें। सरकार ने इस सीजन में 3 लाख टन प्याज बफर स्टॉक में रखने का फैसला किया है, ताकि दाम बढऩे पर उसे बाजार में उतारा जा सके। इससे उपभोक्ताओं को तो राहत मिलेगी, लेकिन प्याज उत्पादक किसानों को नुकसान का अंदेशा है। इसलिए वे इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि किसानों के हित प्रभावित नहीं होंगे।

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