MP में CM का चेहरा शिवराज या महाराज ? 2023 चुनाव को लेकर सिंधिया ने खुद कर दिया बड़ा ऐलान
मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव 2023 से पहले एक बार फिर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सुर्खियों पर हैं। सिंधिया देश और प्रदेश की सियासत के बड़े चेहरे हैं। लेकिन इससे भी ख़ास बात यह है कि जहाँ पिछले विधानसभा चुनाव में सिंधिया ने कांग्रेस की जीत के लिए अहम किरदार निभाया था,तो ठीक 15 महीने बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में भी सिंधिया की ही भूमिका थी।
सिंधिया की बगावत से गिरी थी सरकार
याद दिला दें कांग्रेस के साथ विवाद के बाद सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया था जिसके बाद कांग्रेस सरकार गिर गई थी। ऐसे में अब इस विधानसभा चुनाव में भी सिंधिया सियासत के केंद्र बने हुए हैं।वहीं चर्चा अब सिंधिया के सीएम चेहरे बनने की अटकलों को लेकर भी तेज हैं। इस बीच खुद सिंधिया ने बड़ा बयान दिया है।
सीएम की दौड़ से खुदको बताया बाहर
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह प्रतिशोध की राजनीति करने में विश्वास नहीं रखते हैं और कहा कि उनके मन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के लिए कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह कभी भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं थे और उन्होंने खुद को ऐसा व्यक्ति बताया जो मध्य प्रदेश के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।सिंधिया ने कहा कि वह जहां भी अन्याय या गलत काम देखेंगे, हमेशा लड़ेंगे।
आज भी नहीं हूँ मुख्यमंत्री का उम्मीदवार
अपनी मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं के बारे में बात करते हुए, सिंधिया ने कहा कि मैं कभी भी मुख्यमंत्री की कुर्सी की दौड़ में नहीं रहा। न तो मैं पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार था और न ही आज हूं।सिंधिया ने कहा कि हां, मैंने 2018 के चुनाव में योगदान दिया था। परिणाम घोषित होने के बाद, कांग्रेस आलाकमान ने मुझे बताया कि कमल नाथ को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया है। मैंने भी निर्णय का समर्थन किया। लेकिन, मैं कभी उम्मीदवार नहीं था मुख्यमंत्री पद के लिए तब भी और आज भी नहीं।’