भारत की नकल कर बर्बाद हुआ चीन.. न माया मिली, न राम वाली स्थिति
रूस और यूक्रेन के बीच जब पिछले साल जंग शुरू हुई, तो चीन को इसमें फायदा नजर आया और वह चीन के पाले में चला गया। यह सब उसने इसलिए किया क्योंकि रूस और भारत की दोस्ती को कमजोर किया जाा सके। इसके साथ ही भारत ने रूस का विरोध नहीं किया था, यानि वह तटस्थ था। ऐसे में चीन को भी लगा कि वह भारत की नकल कर इसका फायदा उठा सकता है।
बहरहाल भारत ने रूप से दोस्ती कर फायदा उठाया और सस्ता तेल खरीदा, लेकिन चीन को खास फायदा नहीं हुआ और उसकी अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है। यानि चीन ने अमेरिका और यूरोपीय देशों का भरोसा तो खोया ही। इसके साथ ही वह रूस के भरोसे पर भी खरा नहीं उतर पाया। रूसी आज भी चीनियों पर भरोसा नहीं करते हैं।
रूस-चीन के बीच गहरी हो गई खाई
रूस और चीन के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब रूस-कजाखिस्तान के बॉर्डर पर पांच चीनी नागरिकों को रूस के अधिकारियों ने रोक लिया। करीब 4 घंटे की जांच के बाद भी रूस में दाखिल नहीं होने दिया और उन्हें बैरंग भेजकर वीजा कैंसिल कर दिए। मॉस्को में चीनी दूतावास ने इस घटना को क्रूर और चीन के हितों पर कुठाराघात बताया।
यूक्रेन से युद्ध से बुरी हालत में चीन
चीन के विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन और रूस की जंग में चीन की हालत बहुत ही बुरी हो गई है। यूक्रेन में रूस के युद्ध ने चीन के लिए एक रणनीतिक संकट पैदा कर दिया है। इससे अरबों डॉलर का चीनी व्यापार ब्लॉक हो गया है। इसके साथ ही पूर्वी एशिया में तनाव बढ़ा दिया है। रूस समर्थक और विरोधी खेमों में बांटकर चीन ने अपने लिए गहरा गड्ढा खोद दिया है।