चीता प्रोजेक्ट के 1 साल हुए पूरे.. यहां अब सफारी की है योजना

देश में सात-आठ दशक बाद चीते वापस लौटे तो देश में खुशी का माहौल था। पिछले साल अपने जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से आए 8 चीतों को जब मप्र के शिवपुरी स्थित कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में छोड़ा तो पूरे देश में खुशी छा गई। हर तरफ चीतों का ही मुद्दा गूंज रहा था। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते और आ गए। एक मादा चीता ने 4 शावकों को भी जन्म दिया, लेकिन विदेश से आए चीते तालमेल नहीं बैठा पाए और उनमें से 9 चीतों की मौत हो गई, जिनमें 3 शावक भी शामिल हैं। हालांकि अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि ये चीते तालमेल बैठा लेंगे। इस बीच अच्छी खबर यह भी है कि दक्षिण अफ्रीका से आने वाले 10 साल तक चीतों की खेप आएगी और उन्हें देश के अलग-अलग वन्य अभ्यारण्यों में रखा जा सकेगा।

सफारी की बना रहे योजना
प्रोजेक्ट चीता प्रमुख एसपी यादव का कहना है कि हम मध्य प्रदेश के सेसईपुरा क्षेत्र में सफारी की योजना बना रहे हैं। यहां पर्यटक इन चीतों के दीदार कर सकेंगे। सफारी में आए पर्यटक इन चीतों के संभावित स्थलों तक जा सकेंगे। हालांकि चीता बहुत शर्मीला होता है। इसकी गति भी बेहद तेज होती है। ऐसे में बड़े आराम से इसे देखना संभव नहीं होगा। फिर भी अगर सफारी शुरू हुई तो चीते की रफ्तार को जरूर दर्शक देख पाएंगे।

MUST READ