भाजपा की कर्जमाफी की चुनौती का उल्टा पड़ा दाव ,कांग्रेस ने पुछा – क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया तब ढकोसला कर रहे थे?

मध्यप्रदेश में किसानो की कर्जमाफी का मुद्दा एक बार फिर निकल कर बाहर आ गया है।भाजपा ने कर्जमाफी के इस मुद्दे को उठाकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की लेकिन भाजपा का यह दाव उल्टा पड़ गया। कर्जमाफी का मुद्दा सामने आया तो कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर लेकर उल्टा भाजपा पर ही हमला कर दिया।

दरअसल भाजपा के मंत्री ने किसानो की कर्जमाफी को लेकर खुले मंच से कांग्रेस को चुनौती ही दे दी कि अगर राज्य में एक भी किसान का कर्ज माफ़ हुआ है तो कांग्रेस उसे साबित करे। शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए यह कहा कि कांग्रेस सरकार ने तब जो कर्जमाफी के प्रमाण पत्र बांटे थे वे झूठे थे एक ढकोसला था। लेकिन भाजपा मंत्री की इस चुनौती का दाव तब उल्टा पड़ गया जब कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस में रहते हुए किसानो को कर्जमाफी के सर्टिफिकेट देते हुए पुराने ट्वीट वायरल कर दिए।

कांग्रेस के ओर से पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा ने भाजपा की इस चुनौती पर पलटवार किया है। पीसी शर्मा ने कर्जमाफी को लेकर केंद्रीय मंत्री सिंधिया का वह ट्वीट पोस्ट किया जिसमे सिंधिया ने किसानो को कर्जमाफी के सर्टिफिकेट देते हुए तस्वीर साझा की थी साथ ही सिंधिया ने कहा था कि जय किसान फसल ऋण माफ़ी के द्वितीय चरण में करेरा विधानसभा के 1200 किसानो के 10 करोड़ को मिलाकर शिवपुरी जिले में कुल 700 किसानो का 47 करोड़ का ऋण माफ़ कर प्रमाण पत्र वितरित किये।

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने सिंधिया के इस ट्वीट को पोस्ट करते हुए कहा कि शिवराज सरकार के मंत्री का कहना है कि जो किसान कर्ज माफ़ी के प्रमाण पत्र तबके कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बांटे थे वह ढकोसला है। पीसी शर्मा ने अब भाजपा से ही सवाल कर दिया कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया तब ढकोसला कर रहे थे।

कांग्रेस नेता के इस सवाल से कर्जमाफी पर भाजपा का दाव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है वहीँ अब चुनौती भाजपा के सामने खड़ी हो गयी है। वर्तमान में ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा से राज्यसभा सांसद और भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं लेकिन जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार की कर्जमाफी चल रही थी तब सिंधिया कांग्रेस में हुआ करते थे और उन्होंने खुद कर्जमाफी के प्रमाण पत्र वितरित किये थे। ऐसे में अब भाजपा के सामने अपने केंद्रीय मंत्री को कांग्रेस के इस हमले से बचाने की बड़ी चुनौती होगी। वहीँ यह देखना भी अब लाजमी होगा कि इस हमले पर खुद सिंधिया कैसे अपना बचाव कर पाते हैं।

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