पश्चिम बंगाल में हो सकता है भाजपा का पूरी तरह सूपड़ा साफ,TMC नेता मुकुल रॉय ने किया बड़ा दावा

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति लगातार डामाडोल होती जा रही है । बंगाल विधानसभा चुनाव में भले ही भारतीय जनता पार्टी सत्ता हासिल नहीं कर पाई थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने 3 सीटों से 77 सीटों तक का सफर तय कर बंगाल की राजनीति में अपनी मजबूत मौजूदगी जरूर दर्ज करा दी थी। लेकिन बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही लगातार भाजपा की यह मजबूती दिन पर दिन कमजोर होती जा रही है। चुनाव परिणाम के बाद से ही सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता और नेता वापस टीएमसी की ओर जा चुके हैं इसके साथ ही भाजपा विधायकों का भी पार्टी छोड़ टीएमसी में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी इसी बीच अब टीएमसी नेता मुकुल रॉय ने एक और बड़ा दावा किया है और यदि उनका यह दावा सच होता है तो बंगाल में एक बार फिर भाजपा की मौजूदगी पूरी तरह खत्म हो सकती है।

टीएमसी नेता मुकुल रॉय जिन्होंने जून में भाजपा छोड़ घर वापसी करते हुए टीएमसी का दामन थामा था अब उन्होंने ऐसा दावा किया है कि उनके संपर्क में भारतीय जनता पार्टी के 24 से अधिक के विधायक हैं जो टीएमसी में शामिल होना चाहते हैं। मुकुल रॉय के इस दावे के बाद से बंगाल में सियासी खलबली मच चुकी है। दरअसल हाल ही में भाजपा के 3 विधायकों ने भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए यह तीनों विधायक मुकुल रॉय के बेहद करीबी माने जाते हैं। इन विधायकों में कालियागंज से भाजपा विधायक सौमेन रॉय, बागदा से विश्वजीत दास और तन्मय घोष 1 सप्ताह के भीतर ही पार्टी छोड़ टीएमसी में शामिल हो गए थे। वही अब मुकुल रॉय ने यह है दावा कर दिया है कि ऐसे 24 से अधिक विधायक हैं जो बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से प्रभावित हैं और तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना चाह रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल रॉय ने यह दावा तब किया है जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है ऐसे में उपचुनाव से पहले जहां भाजपा को टीएमसी ने पहले ही 3 विधायकों के रूप में झटके दे चुकी है यदि मुकुल रॉय का दावा सच होता है तो चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह विधानसभा मे ढेर हो सकती है। वही ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उपचुनाव के परिणाम के बाद भी हालात बदल सकते हैं यदि उपचुनाव में भी भाजपा कुछ खास नहीं कर पाती है तो बड़ी संख्या में भाजपा विधायक टीएमसी की ओर रुख कर सकते हैं। बहरहाल पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस उपचुनाव को लेकर चुनावी अभियान 8 सितंबर से शुरू करने जा रही है ऐसे में पश्चिम बंगाल में भाजपा के भविष्य के लिए इस उपचुनाव के नतीजे बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

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