जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए जनता की नब्ज टटोल रही बीजेपी,जानिए आखिर क्या है फॉर्मूला

मोदी सरकार अपनी दूसरी पारी को बढ़ा रही है 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे इसके पहले 2022 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा होगी अगर इस अग्नि परीक्षा को पास कर लिया गया तो 2024 के चुनाव परिणामों की एक तस्वीर देखने को मिल जाएगी ।लिहाजा कहा जाए तो इसी चुनाव परिणाम की तस्वीर पहले किस तरह से बन सकती है उस का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश में केंद्रीय मंत्री जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए जनता के बीच तो जा ही रहे हैं लेकिन इस जन आशीर्वाद यात्रा का रूट इस बार थोड़ा व्यापक बना दिया गया है। हालांकि मंत्रिमंडल का विस्तार मोदी सरकार 1 में भी किया गया था लेकिन इस तरह से जन आशीर्वाद यात्रा लेकर मंत्रियों का दल जिले जिले कस्बे कस्बे नहीं घूमा है लेकिन कहते हैं ना राजनीति में राजनेताओं की हर एक एक्टिविटी के पीछे चुनावी बिसात ही होती है ।

लिहाजा न केवल उत्तर प्रदेश की नब्ज़ को टटोलने के लिए सात केंद्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश के दौरे पर निकल चुके हैं बल्कि इसके साथ इस बार जिन मंत्रियों का स्थान मोदी मंत्रिमंडल में पक्का व हुआ है वे सभी अपने-अपने राज्य में जन आशीर्वाद यात्रा लेकर निकल चुके हैं जो फैक्ट निकल कर सामने आए हैं वह यात्रा 212 लोकसभा क्षेत्रों तक पहुंचेगी और इस यात्रा को मोदी सरकार के 39 मंत्री तय करेंगे यह काफी व्यापक यात्रा हो रही है जिसमें जनता से सीधे कनेक्टिविटी होगी। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में भी 2 विधानसभा चुनाव और 1 लोकसभा चुनाव होना है लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान बीजेपी का उत्तर प्रदेश में है ।उत्तर प्रदेश में अगर हम बात करें तो जो 7 केंद्रीय मंत्री नए-नए मोदी सरकार में शामिल हुए हैं वे सभी मिलकर 3665 किलोमीटर की यात्रा तय करने जा रहे हैं। जाहिर सी बात है इस यात्रा का मिशन 2022 का उत्तर प्रदेश चुनाव तो है ही है लेकिन 2024 के चुनाव को ले देखते हुए भी मोदी सरकार अभी से पूरी तरह से तैयारी में जुट गई है

योजनाओं का प्रचार और फीडबैक का टास्क

इस जन आशीर्वाद यात्रा का लक्ष्य जो सामने बताया जा रहा है उसमें तो यह है कि यह मंत्री नए नए बने हैं और जनता का आशीर्वाद लेने जा रहे हैं लेकिन आंतरिक रूप से इस सभी मंत्रियों को टास्क दिया गया है कि आप जनता के बीच जाइए मोदी सरकार की उपलब्धियों को बताइए जो खासकर गरीबों के लिए की गई हैं इसके साथ ही उनको यह भी बताइए कि मोदी सरकार ने देश के कल्याण के लिए क्या कार्य किया है ।मकसद साफ है जनता से संवाद स्थापित करना है इस यात्रा के बाद जनता का क्या रुख सामने आ रहा है उसके बारे में भी फीडबैक लेना है और उसके बाद केंद्रीय आलाकमान के समक्ष यात्रा की गतिविधि की जानकारी देना है ।

जाहिर सी बात है यह एक तरह से चुनावी समीकरण में नब्ज टटोलने की विधि ही कही जाएगी जिसमें से जनता का संवाद महत्वपूर्ण होगा हाल ही के पश्चिम बंगाल के चुनाव में बीजेपी ने जिस तरह से अपनी पूरी ताकत लगा दी थी लेकिन परिणाम उनके अनुकूल नहीं आए उसके बाद से विपक्ष ममता बनर्जी को सामने लाकर 24 की तैयारी में जुटा हुआ है लिहाजा अब मोदी सरकार भी बेहद सतर्क है और वह भी अपनी रणनीति को लेकर आगे बढ़ रही है इस जन आशीर्वाद यात्रा को आप 2022 और 24 के चुनाव से जोड़कर भी देख सकते हैं हालांकि परिणाम चुनाव परिणाम से ही समझ में आएंगे लेकिन इस यात्रा के क्या परिणाम निकले उसको जानकर बीजेपी अपनी रणनीति के तहत आगे बढ़ती जा रही है।

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