योगी के ‘अब्बा जान’ के बाद राकेश टिकैत ने ओवैसी को ही बता दिया भाजपा का ‘चाचा जान’ ,कही ये बड़ी बात
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब्बा जान वाले बयान के बाद यूपी में लगी सियासी आग अभी बुझी भी नहीं थी कि उत्तर प्रदेश में अब चाचा जान की भी एंट्री हो चुकी है। लेकिन यह एंट्री भाजपा नेता ने नहीं बल्कि किसान नेता राकेश टिकैत ने कराई है। यूपी के बागपत पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने यह बड़ा हमला किया है AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर।
राकेश टिकैत ने अब ओवैसी को भाजपा का चाचा जान बता दिया है। और इस तरह यूपी की सियासत में अब्बा जान के बाद अब चाचा जान की भी मौजूदगी दर्ज हो गई है।
उत्तर प्रदेश के बागपत में किसानों से मिलने पहुंचे राकेश टिकैत ने असदुद्दीन ओवैसी को विधानसभा चुनाव में भाजपा को जिताकर ले जाने वाला बताया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश की 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले ओवैसी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा का चाचा जान उत्तर प्रदेश आ गया है। ये उसका सहारा लेंगे इनका उसको आशीर्वाद है।
राकेश टिकैत ने कहा कि वह गाली देगा लेकिन ये मुकदमा दर्ज नहीं करेंगे वह किसानों को यहां बर्बाद करेगा। भाजपा और ओवैसी पर एक साथ हमला करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि यह सब ए और बी टीम है। लोगो को इनकी चाल समझने की जरूरत है। राकेश टिकैत ने कहा कि अब भाजपा का चाचा जान उत्तर प्रदेश आ गया है और यह भाजपा को जिताकर ले जाएगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ओवैसी के द्वारा 100 सीटों पर AIMIM के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद से ही लगातार विपक्ष की कई पार्टियां उनके ऊपर भाजपा के साथ मिलीभगत के आरोप लगाते आई हैं। वहीं अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी ओवैसी को भाजपा का चाचा जान बता कर यह साफ करना चाहा है उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ओवैसी भाजपा की सहायता के लिए ही मैदान पर उतरे हैं और भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से जिताने के लिए ही यह पूरा खेल रचा जा रहा है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कुशीनगर ने संबोधन के दौरान कहा था कि अब्बा जान कहे जाने वाले लोग राशन खा जाते थे जिसके बाद से ही यूपी में अब्बा जान शब्द को लेकर बवाल मचा हुआ था लेकिन इसी बीच राकेश टिकैत ने अब ओवैसी को भाजपा का ही चाचा जान बता दिया। अब यह देखना होगा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं और ना जाने कितने ऐसे शब्दों के बाण यूपी के चुनावी मैदान में देखने को मिलते हैं।