कांग्रेस अध्यक्ष पद से गाँधी परिवार के पीछे हटने के बाद दिग्गी राजा ने लिया फैसला , दावेदारी को लेकर चल रही अटकलों को दिया विराम
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए गाँधी परिवार ने दावेदारी करने से इंकार कर दिया है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने साफ़ कर दिया है कि इस बार अध्यक्ष पद के लिए गाँधी परिवार का कोई भी सदस्य उम्मीदवारी नहीं करेगा। इसके साथ ही अब पार्टी के भीतर संभावित चहरो को लेकर हलचल और भी तेज हो गई है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नामांकन भरने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी को उन्होंने मनाने की कई बार कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। ऐसे में अब विपक्ष की मजबूती के लिए वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे और जल्द ही नामांकन भरेंगे।
इस बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तंमान में राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह का नाम भी अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवारों में देखा जा रहा था। हालाँकि अब उन्होंने तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है। दिग्विजय सिंह ने खुदको कांग्रेस चीफ की रेस से बाहर बताया है।
कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपने नामांकन की अटकलों को विराम देते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह पार्टी प्रमुख की दौड़ में नहीं थे। जबलपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन पार्टी में उच्च अधिकारी द्वारा उन्हें दिए गए निर्देश का पालन करेंगे।
अब किसका बीच होगा मुकाबला ?
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत ने अपनी दावेदारी साफ़ कर दी है। हालाँकि अबतक शशि थरूर ने कोई ऐलान नहीं किया है। ऐसे में अगर थरूर मैदान में उतरते हैं तो यह मुकाबला गहलोत बनाम थरूर हो सकता है। लेकिन थरूर भी पीछे हट जाते हैं तो सर्वसम्मिति से अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष चुना जा सकता है। इस स्तिथि में 17 अक्टूबर को होने वाला मतदान टल जायेगा। बहरहाल यह साफ़ है कि अब 24 सालो बाद कांग्रेस को गैर गाँधी अध्यक्ष मिलने जा रहा है।