मध्यप्रदेश में गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद CM शिवराज पर मंडराने लगे खतरे के बादल!

भारतीय जनता पार्टी के द्वारा लगातार राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन का सिलसिला जारी रखा जा रहा है। उत्तराखंड ,कर्नाटक और हालही में गुजरात के मुख्यमंत्री को बदलकर आगामी चुनाव के लिए नए चेहरों को जगह दी गई है।इसे देखकर तो यही लगता है कि भाजपा आलाकमान ने साफ तौर पर सभी नेताओं को यह निर्देश दे दिए हैं कि नॉन एक्टिव रहने वाले किसी भी मुख्यमंत्री को बख्शा नहीं जाएगा।

वही इन राज्यों के बाद अब मध्य प्रदेश को लेकर भी हलचल तेज होती नजर आ रही है। बीते माह मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बदले जाने की खबरें सामने आई थी जिसको लेकर सियासी गलियारों में काफी गहमागहमी भी मची हुई थी हालांकि तब मामला किसी तरह शांत हो गया था। लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद अब संकट के बादल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान के ऊपर मंडराते हुए नजर आ रहे हैं।

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बीते सप्ताह मध्य प्रदेश का दौरा किया जहां वे जबलपुर के दौरे में पहुंचे और गोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीद शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। वही अब अमित शाह के कार्यक्रम समाप्ति के बाद मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह एक्टिव नजर आने लगे हैं शासन व्यवस्था को लेकर वे लगातार बैठकों आयोजन कर रहे हैं। अमित शाह के कार्यक्रम के बाद अगले दिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की राज्यपाल से भी मुलाकात की इस मुलाकात को लेकर भी कई कयास लगाए जाने लगे। शिवराज सिंह चौहान लगातार अपने अधिकारियों को भी राज्य की बेहतरी के लिए निर्देश देने में जुट गए हैं वहीं बैठकों के इस दौर पर अब कांग्रेस ने भी निशाना साधा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जिस प्रकार से मध्यप्रदेश में अचानक हलचल बढ़ रही है यह सब कुछ सामान्य नहीं है।

दरअसल गृह मंत्री अमित शाह ने अपने मध्य प्रदेश के दौरे के दौरान जब जबलपुर पहुंचे उन्होंने खुले मंच से जबलपुर के सांसद राकेश सिंह की जमकर तारीफ की उन्होंने कहा कि असल मायने में जो नेतृत्व कर रहा है वह जबलपुर के सांसद हैं और उन्हीं के निमंत्रण पर मैं यहां आया हूं। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कोई सवाल नहीं उठाए लेकिन जिस प्रकार से घटनाक्रम अब नजर आ रहा है अब ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं जल्द ही मध्यप्रदेश में भी नेतृत्व परिवर्तन की एक नई कहानी देखने को मिल सकती है।

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