आदिवासियों को लेकर मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल..खरगोन में एक आदिवासी की मौत के बाद कांग्रेस- बीजेपी एक दूसरे को घेरने में लगी

मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों आदिवासियों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। इस समय मध्य प्रदेश की सियासत में जो केंद्र बिंदु है वह आदिवासी हैं। हाल यह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जबलपुर में 18 सितंबर को दौरा करने जा रहे हैं वे यहां पर आदिवासी गौरव रघुनाथ शाह शंकर शाह के बलिदान दिवस पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे।

तो इस बीच मध्यप्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच आदिवासी हित और अहित को लेकर जंग छिड़ी हुई है बीजेपी अपने आप को आदिवासियों का हितैषी बता रही है और कांग्रेस को आदिवासियों का शोषण करने वाली पार्टी बता रही है दोनों ही दलों के नेताओं में लगातार बयानबाजी शुरू है। कमलनाथ मुखर होकर आदिवासी हितों की बात करते हुए बड़वानी में जन अधिकार यात्रा निकाल चुके हैं तो वही खरगोन में एक आदिवासी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई है इसको लेकर फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।

कमलनाथ ने इस मुद्दे पर शिवराज सरकार को घेरते हुए जांच कमेटी भी बना दी है कांग्रेस की ओर से बयान जारी किया गया है कि मध्यप्रदेश में आदिवासी वर्ग पर निरंतर दमन व उत्पीड़न की घटनाएँ घट रही है।नेमावर , नीमच की घटना के बाद अब खरगोन ज़िले के बिस्टान थाने में खैरकुंडी के एक आदिवासी व्यक्ति की पुलिस प्रताड़ना से मौत की दुखद घटना सामने आयी है।ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में चुन- चुन कर आदिवासी , दलित , शोषित वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है।

खरगोन ज़िले की इस घटना को बेहद गंभीर बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसको लेकर पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधो की अध्यक्षता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक जाँच कमेटी बनाने की घोषणा की है।जो मौक़े पर जाकर पीड़ित परिवार व स्थानीय नागरिकों से मिलकर पूरी घटना की जाँच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी।अब देखना यह लाजमी होगा कैसे कांग्रेस के इस हमले के बाच शिवराज अपनी सत्ता को सेफ जोन में रख पाते हैं।

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