पुलिस थाने में गिरफ्तारी के बाद सीएम के पिता की मेहमान नवाजी,लोगो ने नेहरू से कर दी तुलना..
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के 86 वर्षीय पिता नंद कुमार बघेल को मंगलवार को ब्राह्मण वर्ग के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। जहां पहले सवाल उठाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता होने के चलते किसी प्रकार की कार्रवाई नंदकुमार पर नहीं होगी लेकिन जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो लोगों ने इसे एक आदर्श शासन व्यवस्था का उदाहरण दिया और सीएम भूपेश बघेल की लोगों ने सराहना भी की।
लेकिन गिरफ्तारी के बाद अब भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है जिसके बाद एक बार फिर लोगों ने वीवीआइपी आवभगत पर हमला कर दिया और इसे गिरफ्तारी की नौटंकी करार दी। दरअसल नंद कुमार बघेल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसे गिरफ्तारी के बाद की तस्वीर बताया जा रहा है इस तस्वीर में नंद कुमार बघेल इंस्पेक्टर की टेबल पर आराम से बैठे हुए हैं और पुलिस वालों के द्वारा परोसा गया खाना आराम से खाते हुए नजर आ रहे हैं। जैसे ही यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई लोगों का गुस्सा वीवीआइपी मेहमान नवाजी पर फूट पड़ा।
सोशल मीडिया में लोगों ने आलोचना करते हुए कहा कि जब पुलिस के द्वारा अपराधी को गिरफ्तार किया गया तो कार्रवाई के नाम पर प्रशासन खानापूर्ति कर रहा है कैसे एक अपराधी को जेल की जगह थाने में वीआईपी व्यवस्था दी जा रही है ।यूजर्स ने यह भी कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में चुनाव ना होते तो यह गिरफ्तारी की नौटंकी भी नहीं होती वोट के नाम पर छत्तीसगढ़ में नौटंकी चरम सीमा पर है। वही एक यूजर ने इस तस्वीर पर लिखा कि घर का स्वादिष्ट खाना और तमाम सुविधाएं ठीक वैसे ही जैसे ब्रिटिश हुकूमत द्वारा जेल में नेहरू को मिलती थी।
बता दें कि इस तस्वीर के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद लोग दो खेमे में बंटते नजर आ रहे हैं जहां एक ओर लोग इस वीवीआइपी मेहमान नवाजी की जमकर आलोचना कर रहे हैं तो वही एक दूसरा खेमा भी है जो सीएम भूपेश बघेल के पिता की उम्र को लेकर इसे जायज ठहराते हुआ नजर आ रहा है। कुछ लोगों ने समर्थन करते हुए कहा कि जेल में खाना तो एक आतंकवादी को भी दिया जाता है फिर इसमें गलत क्या है यह किसी प्रकार का पांच सितारा होटल तो नहीं आलोचना करने वालों की इससे क्रूर मानसिकता झलकती है। लोगों ने कहा कि यदि वीवीआइपी सुविधा देनी ही होती तो न ही एफ आई आर दर्ज होती और ना गिरफ्तारी होती।