आखिर बैक डोर में क्या कर रहे हैं वरुण गांधी,क्या 2022 में दिखाएंगे कमाल!
राजनीति में गांधी परिवार तो चर्चा में अक्सर रहता है ,राहुल गांधी तो इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं लेकिन उनके ही चचेरे भाई वरुण गांधी बीजेपी में होकर भी इस वक्त गुम नजर आ रहे हैं वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद हैं जब राजनाथ सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे तब उन्हें महासचिव भी बनाया गया था लेकिन जब से बीजेपी में मोदी शाह की जोड़ी आई है तब से वरुण गांधी को बिल्कुल दरकिनार ही कर दिया गया है।
वरुण गांधी बेबाक वक्ता के रूप में पहचाने जाते हैं काफी भीड़ भी एकत्र करते हैं लेकिन बीजेपी में शायद उनका उपयोग मौजूदा दौर में नहीं किया जा रहा है या फिर कहां जाए की गांधी परिवार होते हुए उन्हें बीजेपी में रहते हुए भी वह तवज्जो नहीं मिल रही जिसके वह हकदार हैं उनकी मां मेनका गांधी भी केंद्र सरकार में मंत्री रह चुकी है लेकिन उनको भी अब मौजूदा मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है जाहिर सी बात है अब जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं तो क्या बीजेपी वरुण गांधी और मेनका गांधी को कोई दायित्व सौंपेगी या फिर इसी तरह से उनको बैक डोर में रखा जाएगा सवाल यह उठने लगा है कि राजनाथ सिंह जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बीजेपी के हुआ करते थे उस दौरान तो वरुण गांधी को संगठन में भी बड़ा दायित्व दिया गया लेकिन मौजूदा संगठन में वरुण गांधी की पूछ परख बिल्कुल भी खत्म सी हो गई है राजनीति की सुर्खियों में भी वे गुम ही नजर आते हैं जाहिर सी बात है उत्तर प्रदेश में जब चुनाव है तो सवाल उठने लगा है कि क्या इस बार उनकी भूमिका तय होगी या उनके बिना ही उत्तर प्रदेश का चुनाव लड़ा जाएगा।
2013 में बढ़ा था वरुण का कद
वरुण गांधी का 2013 में कद अचानक बढ़ गया था जब राजनाथ की टीम में उन्हें महासचिव बनाया गया था 2017 में जब विधानसभा चुनाव की तैयारी उत्तर प्रदेश में हो रही थी तो कयास लगाए जा रहे थे कि वरुण गांधी को मुख्यमंत्री का चेहरा भी बनाया जा सकता है एक वक्त तो ऐसा भी आया कि वरुण गांधी हिंदुत्व के फेस के तौर पर पहचाने जाने लगे थे उनके ही बयान सुर्खियों में थे लेकिन जब धीरे-धीरे परिवर्तन की बयार आई और मोदी शाह की जोड़ी ने वरुण को एंट्री नही दी , अमित शाह ने वरुण गांधी को अपनी टीम में शामिल नहीं किया उसके बाद अब वरुण गांधी का नाम सुर्खियों से बाहर है सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या वरुण गांधी जैसे फायरब्रांड नेता को उत्तर प्रदेश चुनाव में आजमाया जाएगा या फिर बैक डोर पर ही वे बैठे रहेंगे।