आखिर किस रणनीति के बल पर बीएसपी उत्तरप्रदेश में सत्ता वापसी के देख रही है सपने, आइए जानते है …
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी अपने सियासी दांव खेलने में जुटी हुई है। इस सियासी दांव में सबसे पहले तो ब्राम्हण वोट बैंक को लुभाने के लिए प्रबुद्ध जन सम्मेलन जगह-जगह आयोजित किए जा रहे हैं । राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा लगातार इसकी अगुवाई कर रहे हैं । लेकिन सवाल यही है कि लगातार अपनी ताकत उत्तर प्रदेश में खोती बहुजन समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव में किस तरह बेहतरीन परिणाम लेकर आएगी ।
यह सवाल जिस तरह से हमारे और आपके मन में उठ रहे हैं यही सवाल बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता के मन में है । बहुजन समाजवादी पार्टी के सामने यह बड़ा संकट है कि हम संगठन को किस तरह से मजबूत कर सकें सत्ता में लगातार दूरी के चलते अब वो दमखम भी बहुजन समाजवादी पार्टी में नजर नहीं आ रहा है। लेकिन फिर भी बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती अपनी पुरानी रणनीति से आगे चल रही हैं वे लगातार बीजेपी पर कटाक्ष कर रही हैं और दलित विरोधी बीजेपी को बताने से कभी पीछे भी नहीं हट रही हैं।
तो दूसरी ओर समाजवादी पार्टी से भी उनकी टक्कर देखी ही जा सकती है कभी-कभी कयास लगाए जाते हैं कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी गठबंधन भी करके चुनाव लड़ सकती है हालांकि इसके संकेत अभी नहीं मिल रहे हैं लेकिन जिस तरह से उत्तर प्रदेश की सियासत आगे चल रही है उसमें सबसे बड़ी बात निकल कर सामने आ रही है कि बहुजन समाजवादी पार्टी आखिर बीजेपी को टक्कर देगी तो देगी कैसे !
क्या सिर्फ ब्राह्मण वोट बैंक के सहारे या फिर दलित वोट बैंक के सहारे बहुजन समाजवादी पार्टी आगे बढ़ सकती है कहने के लिए तो यह भी कहा जा सकता है कि दलित वोट बैंक पर एकतरफा कब्जा कभी बहुजन समाजवादी पार्टी का हुआ करता था लेकिन वक्त के साथ-साथ अब वह दलित वोट बैंक भी खिसकता चला गया और समाजवादी पार्टी और कुछ हद तक बीजेपी के खाते में भी दलित वोट बैंक गया । लिहाजा संगठन को मजबूत करना और अपने एक विशेष वर्ग पर अच्छी तरह से पकड़ बनाकर उस वोट बैंक को स्थाई करना यह तैयारी में बहुजन समाजवादी पार्टी जुटी हुई है। हालांकि वह दमखम चुनाव के पहले बहुजन समाजवादी पार्टी में नजर नहीं आ रहा है लेकिन दावा जरूर किया जा रहा है कि हम सत्ता पर वापसी करेंगे बहरहाल चुनावी समीकरण तो बदलते रहेंगे यह तो अंतिम वक्त तक स्पष्ट नहीं हो पाएंगे यह तो चुनाव परिणाम ही बता सकते हैं। लेकिन इस बीच बहुजन समाजवादी पार्टी जीत के समीकरण बुनते जरूर नजर आ रही है।