एक ऐसा खिलाड़ी जिसने मचा दिया था 1999 वर्ल्ड कप में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से तहलका,जानिए कौन था वो खिलाड़ी

Liberal Sports Desk: साल 1983 से लेकर 1996 तक 4 विश्वकप खेलने के बाद भी जिंबाब्वे की टीम कभी भी आगे बढ़ने की प्रबल दावेदार नही रही लेकिन अचानक से 1999 वर्ल्ड कप में जिंबाब्वे की टीम ने एक हलचल पैदा कर दी और 1999विश्व कप में सुपर सिक्स में पहुँचकर सभी को चौका दिया था और कुछ समय के लिए तो यह भी लगा कि ज़िम्बाब्वे की टीम सेमीफाइनल में अपनी जगह बना लेगी और जिंबाब्वे टीम के इस प्रदर्शन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार खिलाड़ी था जिंबाब्वे का एक ऐसा खिलाड़ी जिसने अपने केवल 2 वर्ष के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में 1999वर्ल्ड कप में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया और वह शख्स था नील जॉनसन जी हां यह वही क्रिकेटर है जिसने अपने छोटे से 2 वर्ष के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर में बड़ी से बड़ी टीमों के खिलाफ खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया था 1999 वर्ल्ड कप की शुरुआत में सभी दर्शक जेक कैलिस लांस क्लूज़नर शॉन पोलाक जैसे बड़े दिग्गज ऑलराउंडर ऊंची बात कर रहे थे और नील जॉनसन का कोई नाम भी नहीं था लेकिन उन्होंने 1999 वर्ल्ड कप में सभी को अपने हरफनमौला प्रदर्शन से चौका दिया था नील जॉनसन जिस तरह से ग्लेन मैग्राथ वसीम अकरम वकार यूनुस मुथैया मुरलीधरन जैसे बड़े व दिग्गज गेंदबाजों के विरुद्ध शानदार तरीके से बल्लेबाजी करते नजर आते थे वह उन्हें एक अलग ही दर्जे का खिलाड़ी बनाता था नील जॉनसन ने 1999 वर्ल्ड कप में जिंबाब्वे के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए व सबसे ज्यादा विकेट भी लिए नील जॉनसन इस वर्ल्ड कप में 52.42 के औसत से 367 रन बनाए व 12 विकेट भी हासिल की जो इस 1999 वर्ल्ड कप में एक ऑलराउंडर खिलाड़ी के तौर पर नील जॉनसन के बहुत बड़ी उपलब्धि थी नील जॉनसन ने एक शतक और तीन अर्धशतक के साथ 367 रन इस वर्ल्ड कप में बनाये थे साथ ही उन्होंने दिग्गज ऑलराउंडर जैक कैलिस का विकेट भी 1999 वर्ल्ड कप में ही लिया था।

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 1999 वर्ल्ड कप के एक मैच में अकेले अपने दम पर जिंबाब्वे को जीत के करीब भी ले गए थे और एक समय ऐसा लगने लगा था कि नील जॉनसन यह मुकाबला अकेले जिता देंगे लेकिन दूसरे छोर से किसी भी बल्लेबाज का साथ नहीं मिलने पर नील जॉनसन यह मैच नही जिता सके इस मैच में नील जॉनसन ने नाबाद 132 रनों की पारी खेली थी नील जॉनसन की बदौलत ही 1999 के दौर में साउथ अफ्रीका की मजबूत टीम को जिंबाब्वे ने हराया था जिसमें नील जॉनसन ने बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन करते हुए 74 रन बल्लेबाजी से बनाते हुए और अपनी गेंदबाजी से तीन विकेट निकाले थे और अपनी टीम को जीत दिलाई थी नील जॉनसन एक अलग ही ले में उस समय जिंबाब्वे के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे थे लेकिन अचानक ही टीम के सीनियर खिलाड़ियों से अनबन और जिंबाब्वे क्रिकेट यूनियन से पेमेंट की बातों को लेकर अनबन की खबरें आने लगी थी जिसके बाद जॉनसन के प्रदर्शन में गिरावट देखने मिलने लगी थी और अचानक ही नील जॉनसन ने यह ऐलान कर दिया कि साल 2000 का इंग्लैंड दौरा उनका आखिरी दौरा होगा इस फैसले ने क्रिकेट जगत को हैरान कर रख दिया था कई क्रिकेट जानकारों का तो यह भी मानना था कि नील जॉनसन का यह फैसला किसी दबाव में आकर लिया गया था यदि नील जॉनसन और क्रिकेट खेलते तो जैक कैलिस और लांस क्लूजनर की तरह एक अच्छे ऑलराउंडर बनते लेकिन उन्होंने जल्द ही क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी

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