गरीबी में बीता बचपन, मां की मौत के बाद टूट गए थे रविंद्र जडेजा, जानें कैसे बने स्टार क्रिकेटर
रविंद्र जडेजा उन चंद क्रिकेटर्स में शुमार हैं जिन्होंने काफी संघर्षों के बाद बड़ा मुकाम हासिल किया है। आज रविन्द्र जडेजा क्रिकेट प्रेमियों के दिल में अपनी एक ख़ास जगह रखते हैं। भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई तक ले जाने वाले रविन्द्र जडेजा का पूरा नाम रविन्द्र अनिरुद्ध सिंह जडेजा है। रविंद्र जडेजा का बचपन काफी गरीबी में बीता है। लेकिन उन्होंने आज जो रुतबा हासिल कर लिया है वहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें सर कहकर संबोधित करते हैं
जडेजा का जनम 6 दिसंबर 1988 को गुजरात के यमनानगर शहर में हुआ था। रविन्द्र जडेजा का बचपन तंगहाली में गुज़रा और घर के हालात भी कुछ ठीक नहीं थे। उनके पिता एक प्राइवेट कंपनी में गार्ड की नौकरी करते थे। वो जडेजा को एक आर्मी ऑफिसर बनाना चाहते थे। लेकिन जडेजा का झुकाव क्रिकेट की तरफ़ था और उनकी मां लता भी चाहती थीं कि उनका बेटा क्रिकेटर बने। जडेजा की मां का सपना था कि उनका बेटा एक दिन भारत के लिए क्रिकेट खेले, लेकिन अपने सपने को पूरा होते हुए देखने से पहले ही वो 2005 ने एक एक्सिडेंट में चल बसीं। मां के गुज़र जाने के बाद 17 साल के जडेजा इतने बिखर गए कि उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया। लेकिन उनकी बड़ी बहन ने उन्हें संभाला और आगे खेलने को तैयार किया।
साल 2002 में पहली बार जडेजा सौराष्ट्र की अंडर – 14 में महाराष्ट्र के ख़िलाफ़ खेले। यहां उन्होंने अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए 87 रन बनाए और 4 विकेट झटके। जडेजा के बेहतरीन खेल को देखते हुए सौराष्ट्र की अंडर – 19 टीम में उन्हें जगह मिली और इसी फॉर्मेट में उन्होंने अपने करियर का पहला शतक लगाया। फिर दिसंबर 2005 में अंडर – 19 वर्ल्ड कप के लिए उनका चुनाव हुआ। अपने चुनाव को सही साबित करते हुए जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ 4 और पाकिस्तान के खिलाफ़ 3 विकेट लेकर जबरदस्त परफॉर्मेंस दी। 2008 के अंडर – 19 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में जडेजा ने 10 विकेट लेकर चयनकर्ताओं का दिल जीत लिया। इस टूर्नामेंट में भारत विजयी रहा था और उस समय विराट कोहली टीम के कप्तान थे।
जडेजा बहुत तेज़ी से अपने कैरियर में आगे बढ़ रहे थे। 2012 में महज़ 23 साल की उम्र में उन्होंने घरेलू क्रिकेट में 3 ट्रिपल सेंचुरी लगाई।ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय और दुनिया के आठवें क्रिकेटर बन गए। उनके इस रिकॉर्ड के बाद साथी खिलाड़ी जिनमें एम. एस. धोनी भी शामिल हैं, उन्हें सर कहकर पुकारने लगे। उनकी बड़ी बहन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि जडेजा बहुत शर्मीले हैं, जब धोनी और अन्य लोग उन्हें सर कहते हैं तो वो असहज महसूस करते हैं।
जडेजा को पढ़ने – लिखने का भी शौक था, लेकिन समय न होने के कारण वो अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे। क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के बाद जडेजा ने 17 अप्रैल 2016 में रीवा सोलंकी से शादी की।अब दोनों की एक बेटी भी हैं। रविंद्र जडेजा भी उन खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल है जिन्होंने बुरे वख्त में भी खुद को गिरने नहीं दिया और अपने लक्ष्य की तरफ बढते रहे और आज भारत के सबसे सफल हरफनमौला खिलाड़ी बन चुके है। 2019 में जडेजा को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित भी किया गया था।